दिल्ली 10 दिसम्बर 2024
मानव अधिकार परिषद संयुक्त संघ ने दिल्ली के ब्रह्मपुरी स्थित मक्का कोचिंग सेंटर में मानव अधिकार दिवस मनाया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अफराहीम अली अंसारी एड0 ने की, जबकि डॉक्टर सरफराज नवाज एडवोकेट ने संचालन किया। मुख्य अतिथि के रूप में संगठन के मुख्य सचिव इंतखाब अली एडवोकेट ने भाग लिया।
इस अवसर पर, मानव अधिकार परिषद संयुक्त संघ ने मानव अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डाला और लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक किया। यह कार्यक्रम मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था, जो हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है।
इंतखाब अली ने बताया कि विश्व भर में मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है ताकि मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और सभी लोगों को उनके मौलिक अधिकारों के बारे में शिक्षित किया जा सके।
मानव अधिकार दिवस का महत्व इस प्रकार है:
1. मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा: मानव अधिकार दिवस का उद्देश्य मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की याद दिलाना है, जिसे 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था।
2. मानवाधिकारों की रक्षा: मानव अधिकार दिवस का उद्देश्य मानवाधिकारों की रक्षा करना है और सभी लोगों को उनके मौलिक अधिकारों के बारे में शिक्षित करना है।
3. मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ लड़ना: मानव अधिकार दिवस का उद्देश्य मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ लड़ना है और सभी लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है।
4. मानवाधिकारों को बढ़ावा देना: मानव अधिकार दिवस का उद्देश्य मानवाधिकारों को बढ़ावा देना है और सभी लोगों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना है।
इस प्रकार, मानव अधिकार दिवस का महत्व इस बात में है कि यह हमें मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करता है और हमें अपने अधिकारों के बारे में शिक्षित करता है।
डॉक्टर सरफराज नवाज ने मौलिक अधिकारों के बारे में बताया कि ये अधिकार हमारे संविधान में वर्णित हैं और हर नागरिक को इन अधिकारों का आनंद लेने का अधिकार है।
मौलिक अधिकार हमारे संविधान की आत्मा हैं और ये अधिकार हमें अपने जीवन को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार देते हैं। ये अधिकार हमें अपने विचारों को व्यक्त करने, अपने धर्म का पालन करने, अपने जीवन को सुरक्षित रखने और अपने समाज में समानता का आनंद लेने का अधिकार देते हैं।
डॉक्टर सरफराज नवाज ने बताया कि मौलिक अधिकारों में शामिल हैं:
1. समानता का अधिकार: हर नागरिक को समानता का अधिकार है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग या भाषा से संबंधित हो।
2. स्वतंत्रता का अधिकार: हर नागरिक को स्वतंत्रता का अधिकार है, जिसमें विचारों को व्यक्त करने, धर्म का पालन करने और जीवन को सुरक्षित रखने का अधिकार शामिल है।
3. न्याय का अधिकार: हर नागरिक को न्याय का अधिकार है, जिसमें कानून के समक्ष समानता का अधिकार और न्याय प्राप्त करने का अधिकार शामिल है।
4. शिक्षा का अधिकार: हर नागरिक को शिक्षा का अधिकार है, जिसमें प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का अधिकार शामिल है।
डॉक्टर सरफराज नवाज ने बताया कि मौलिक अधिकारों का महत्व इस बात में है कि ये अधिकार हमें अपने जीवन को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार देते हैं और हमें अपने समाज में समानता का आनंद लेने का अधिकार देते हैं।
इनके अलावा, ओवैसुल्लाह अंसारी एडवोकेट, रामसा खान, अमरीन , जैनब, जोया, कुलसुम, इकरा, डॉक्टर शराफत अली, राकेश कुमार, फजील अहमद एडवोकेट, उरूज, आजम अली एडवोकेट, मोहम्मद अरशद, सिकंदर अंसारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।