भारतीय किसान संगठन हलधर, किसानों और पीड़ित लोगों के पास जाकर उनको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए, सेमिनार और कार्यशालाए, व्यक्तिगत संपक, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म तथा किसान व सरकारी अधिकारियों के साथ संवाद करके किसानों और पीड़ित लोगों की समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है।
1. सेमिनार और कार्यशालाएंः- किसान संगठन सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित कर सकता है जिसमें किसानों और पीड़ित लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी जा सकती है।
2. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडियाः- किसान संगठन प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग करके किसानों और पीड़ित लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे सकता है।
3. सोशल मीडियाः- किसान संगठन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म जैसे कि फ़ेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप का उपयोग करके किसानों और पीड़ित लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे सकता है।
4. व्यक्तिगत संपर्कः- किसान संगठन के सदस्य किसानों और पीड़ित लोगों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके उनको उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
5. नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमः- किसान संगठन नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करके किसानों और पीड़ित लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे सकता है।
6. पुस्तकें और पत्रिकाएंः- किसान संगठन पुस्तकें और पत्रिकाएं प्रकाशित करके किसानों और पीड़ित लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे सकता है।
7. कानूनी सहायताः- किसान संगठन किसानों और पीड़ित लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करके उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकता है।
8. सरकारी अधिकारियों के साथ संवादः- किसान व सरकारी अधिकारियों के साथ संवाद करके किसानों और पीड़ित लोगों की समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है।